कभी मुग़ल बादशाह शाहजहां की मौजूदगी से आबाद ये इमारत आज अपने कायापलट के लिए तरसती नज़र आती है। छोटा क़ुतुब मीनार के नाम से मशहूर ये ईमारत दिल्ली के उत्तम नगर के हस्तसाल गांव में मौजूद है।
हालाँकि इसका वास्तविक नाम हस्त मीनार है। ईंट और रेड सैंडस्टोन से बनी इस मुग़ल कालीन इमारत को कौशल मीनार के नाम से भी जाना जाता है। हैरानी की बात है कि इस ऐतिहासिक इमारत को आज बिलकुल भुला दिया गया है। खुद मुझे इसके बारे में हाल ही में पता चला है।
17 वी सदी में शाहजहां ने इसे अपने शिकार गाह के तौर पर बनवाया। उस वक़्त इसमें 5 मंज़िले थी और सबसे ऊपर एक छतरी भी। लेकिन कुछ तो समय के साथ और उससे कहीं ज़्यादा प्रशासनिक अनदेखी के चलते आज इसकी 3 मंज़िले ही रह गई हैं।
यहाँ अगर पहुंचना है तो कार को थोड़ी दूर पार्क करना होगा। वैसे इसके लिए टू व्हीलर या पैदल चलना ही बेहतर है। वजह मीनार की ओर जा रहे रास्ते में बेहद संकरी गलियां होना।
मीनार के अंदर पहुंचकर वहां के नज़ारे से बेहद मायूसी हुई। तंग गलियों को पार कर यहाँ पहुँचने में जितने ऍफ़र्ट्स लगाए, वो सब बेकार लगने लगे। कोई भला कैसे ऐसी ऐतिहासिक इमारत को उपेक्षित रख सकता है?

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